मंगलवार, सितंबर 07, 2004

बातें, कही अनकही

बातें, कही अनकही
पड़ी रह जाती हैं ।

जैसे सुबह की नर्म दूब पर पड़ी
ओस की बूंदें ।

जब कभी पाँव पड़ जाये
तो गुदगुदी सी होती है ।

या फिर डायरी के पन्नों पर पड़े
स्याही के कुछ छींटे ।

पीले पड़ते पन्नों पर,
चमक कभी नहीं जाती ।

बातें,
बस वही तो रह जाती हैं ।

- आनन्द जैन

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बातें, कही अनकही
पड़ी रह जाती हैं ।

जैसे सुबह की नर्म दूब पर पड़ी
ओस की बूंदें ।

जब कभी पाँव पड़ जाये
तो गुदगुदी सी होती है ।

या फिर डायरी के पन्नों पर पड़े
स्याही के कुछ छींटे ।

पीले पड़ते पन्नों पर,
चमक कभी नहीं जाती ।

बातें,
बस वही तो रह जाती हैं ।

बेनामी ने कहा…

how do u write it in devnagri script?

Manoj Jha ने कहा…

आज पहली ‍बार आप के चिठे पर आ का और हि*दी में टाइप कर अछा लगा है।

बेनामी ने कहा…

vah vah kya baat hai

talent ने कहा…

baatein bhul jati hain....yaadein yaad aati hain...

बेनामी ने कहा…

PASPA was struck down by the Supreme Court in Murphy v. National Collegiate Athletic Association in 2018, paving greatest way|the method in which} for other states to legalize sports betting. These are wagers provided as alternatives to cash line wagers in baseball, dafabet hockey, or soccer, respectively. These bets are effectively level unfold bets that have the identical cash line odds on both side of the wager (i.e. business normal of -110 to -115).