मंगलवार, अप्रैल 21, 2009

मंज़िल

मंजिल उन्हीं को मिलती है,
जिनके सपनो में जान होती है
पंखों से कुछ नहीं होता,
हौसलों से उड़ान होती है

4 टिप्‍पणियां:

Kanchan Karai (Mogaraafulalaa) ने कहा…

बहुत खूब!

meenu ने कहा…

its too gd yaar

सुषमा ने कहा…

सही है !
कर हौसलों को बुलंद इतना कि
न भी ज़मीं पर उतर आए...

Himatbhai Parmar ने कहा…

Right