बुधवार, अगस्त 19, 2009

सूरज - बाल कविता - २

मुझसे धरती, मुझसे चंदा,
मुझसे सारी सृष्टि,
मुझसे जल, मुझसे नभ,
सब पर मेरी दृष्टि,
मुझसे सारा जीवन है,
मुझसे सारी खुशियां,
मैं सूरज हूं, मेरे पीछे,
दौड़ रही हैं सदियां

2 टिप्‍पणियां:

ivedaricha ने कहा…

aage ho sakta tha -
Mujhse Din Mujhse raat
Mujhse hai ye shaam dhali
...

ivedaricha ने कहा…

aage ho sakta tha -
Mujhse Din Mujhse raat
Mujhse hai ye shaam dhali
...